– डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने मोदी 3.0 के बजट को बताया निराशाजनक हनुमानगढ़। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने मोदी 3.0 के बजट को निराशाजनक एवं हताशा भरा बताया है। बकौल दादरी, केन्द्रीय बजट और कुछ नहीं बल्कि सरकार बचाओ बजट है, जो इस लंगड़ी सरकार के अस्तित्व के लिए राजनीतिक मजबूरियों से प्रेरित है। इस बजट में जनता को राहत देने वाला कुछ नहीं है केवल आंकड़ों की बाजीगरी है। बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मु_ी भर अमीर और धन्नासेठों को छोडक़र देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों को मायूस करने वाला है। देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन और 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबके के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के लिए नई सरकार में अपेक्षित सुधारवादी नीति और नियत का अभाव है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस बजट में कांग्रेस के घोषणा पत्र का असर दिख रहा है। इस बजट में किसानों के संकट को हल करने और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। किसान के लिए न एमएसपी की गारंटी, न कर्ज से राहत है। न डीजल-कीटनाशक दवाई-खाद की कीमत कम की गई। युवा के लिए नए रोजगार का कोई रास्ता नहीं। लेबर इंटेंसिव यानी रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों कपड़ा-कंस्ट्रक्शन आदि के लिए कुछ नहीं। आम जनता से जुड़े मु्ख्य मुद्दों के बारे में कुछ भी सुनने को नहीं मिला। सरकार ने आम लोगों की आय में सुधार के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। 10 बजटों की तरह यह केन्द्रीय बजट भी आम भारतीय से कोसों दूर है। यह बजट भारत के युवाओं के भविष्य के साथ एक क्रूर मजाक के अलावा और कुछ नहीं है। इस बजट के बाद भारतीय समाज के हर वर्ग की हालत और भी बदतर होने वाली है। एससी, एसटी व बीसी शब्द का बजट स्पीच में नामों निशान तक नहीं। साफ है कि लोकसभा में बीजेपी के खिलाफ वोट न देने की सजा भी है और भाजपा का एससी, एसटी व बीसी विरोधी चेहरा भी। मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा को 10 साल से कोई राहत नहीं, न टैक्स एक्सेम्पशन स्लैब बढ़ी, न ही कोई अन्य राहत दी गई। दादरी ने कहा कि जनता के दर्द से पूरी तरह कट चुकी इस सरकार को बस अपने अस्तित्व की ही चिंता रही, यह इस बजट ने साबित कर दिया है।